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Tools ‹ Mera Sach — WordPress. बहुत से लोग इस बात को लेकर बहस करते दिख रहे है कि चुनाव में फलां उम्मीदवार सही कि फलां सही है। मेरे विचार से ये पिछली बार भी हुआ होगा ।।। और जब से लोकतंत्र बना है तब से होगा।। अब मुद्दा ये है कि अगर पहले वाले सब सही थे तो विकास क्यों नही हो पाया ।।। और अगर विकास नही हुआ तो इसका मतलब ये सब एक जैसे ही हैं हमने इन्हें प्राथमिकता देकर इन्हें ऊपर पंहुचा दिया।। हम किसी प्रत्याशी का समर्थन करते हैं तो इस शिद्दत से करते हैं कि दूसरे प्रत्याशी को गलत सलत कहने लगते है। इलज़ाम लगाने लगते हैं कि इसने ये नही किया या ये वो नही करेगा जो हमे चाहिए ।। लेकिन इस झंझावात में हम ये भूल जाते हैं कि हमने अपने प्रत्याशी से भी तो नहीं पूछा कि वो क्या करेगा ।। और वो इसका फायदा पूरे 5 साल उठाता है। और हम उसे कोसते कोसते 5 साल काट देते हैं । अगली बार फिर चुनाव आता है और हम फिर वही करते हैं जो हमने पहले किया ।।।मतलब गलत प्रत्याशी नहीं हमारी सोच है । तो इस बार इस सोच को बदलें और तय करें कि अपने प्रत्याशी से पूछे कि हम उसे वोट क्यों दें।। जैसे प्राइवेट कंपनी पूछती है कि हम आपको ये जॉब क्यों दें।।। मित्रों जब रिमोट हमारे हाथ में है तो चैनल उनकी पसंद का क्यों देखें।।।।
चिराग़ बरेलवी लेखक/कवि ग्रा- चंदुपुरा बरेली
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